56 लाख से ज्यादा कर्मचारी एवं पेंशनधारियों लगातार सरकार से यह गुहार लगा रही है कि पुराने पेंशन को दोबारा से लागू कर दिया जाए पुरानी पेंशन लागू को लेकर अपडेट आ रही है जिसे बताया जा रहा है कि जल्द देखने को मिल सकता है कई राज्य के सरकार के द्वारा पुरानी पेंशन लागू भी कर दिया गया है जिसके अन्य राज्य के कर्मचारियों मांग कर रहे और लगातार धरना प्रदर्शन आंदोलन कर्मचारी एवं पेंशनधारी के द्वारा किया जा रहा है चुनावी मुद्दा को देखते हुए सरकार भी इस पर अहम फैसला जल्द ले सकती है आज कुछ अपडेट निकल कर आ रही है आईए जानते हैं इसके बारे में ।
1 अप्रैल 2004 को पुरानी पेंशन लागू पेंशन बंद कर दिया गया था जिसके बाद से लोगों की परेशानियां बढ़ चुकी है अगर पुरानी पेंशन चालू होती है तो कर्मचारियों को सीधा रिटायरमेंट का पेंशन के साथ लोगों को काफी राहत मिलेगा ।
पुरानी और नई पेंशन योजना में अंतर
पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट का 50% पेंशन मिलता है लेकिन पेंशन बंद होने के बाद से लोगों को या पैसा मिलना बंद हो गया है जिसके बाद लगातार कर्मचारी मांग कर रहे हैं जिसके बाद से कर्मचारियों को हित में या फैसला गारंटी नजर आते हुए दिखाई दे रहा है अब सभी को बता दे की आने वाले चुनाव से पहले सरकारी इसके ऊपर बड़ा फैसला ले सकती है बताया जा रहा है कि नए साल के शुभ अवसर पर कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिलेगा अगर यह पेंशन लागू होता है तो लोगों को बुढ़ापा का सहारा मिल पाएगा ।
किन राज्यों में OPS लागू हो चुकी है?
पिछले तीन सालों में कई राज्यों ने OPS को दोबारा लागू करने का फैसला किया है:
राजस्थान- फरवरी 2022 में सबसे पहले OPS बहाल की.
छत्तीसगढ़- मई 2022 में 3 लाख कर्मचारियों के लिए योजना लागू की.
पंजाब- नवंबर 2022 में OPS का नोटिफिकेशन जारी किया.
हिमाचल प्रदेश- अप्रैल 2023 से OPS लागू हो गई.
झारखंड- सरकार ने OPS पर सहमति जताई है और प्रक्रिया आगे बढ़ रही है.
चंडीगढ़- जुलाई 2025 में पात्र कर्मचारियों के लिए OPS लागू करने का ऐलान किया.
महाराष्ट्र में क्यों बढ़ी OPS की मांग?
महाराष्ट्र के कर्मचारियों का कहना है कि NPS से उन्हें भविष्य की गारंटी नहीं मिलती, क्योंकि यह शेयर मार्केट पर निर्भर है. वहीं OPS निश्चित पेंशन देती है. इससे रिटायरमेंट के बाद जीवन सुरक्षित होता है. यही वजह है कि राज्य में अब यह मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है.
क्या हो सकता है आगे?
महाराष्ट्र में OPS को लेकर दबाव लगातार बढ़ रहा है. कर्मचारी संगठन सरकार पर तेजी से कदम उठाने का दबाव बना रहे हैं. आने वाले महीनों में यह मुद्दा सिर्फ कर्मचारियों का नहीं, बल्कि राज्य की राजनीति का भी बड़ा एजेंडा बन सकता है. OPS की वापसी होगी या नहीं, इसका फैसला आने वाले वक्त में राज्य सरकार की प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा.